तुगलकाबाद मंदिर की सारी जमीन गुरु रविदास नामलेवा कौम के हवाले की जाए: संत समाज
होशियारपुर, 31 मार्च: समूह संत समाज पंजाब, सतगुरु रविदास, भगवान वाल्मीकि, सतगुरु कबीर साहिब नाम लेवा संगतें और आंबेडकरवादी संगठनों ने एक विशेष प्रैस वार्ता कर ऐतिहासिक तुगलकाबाद मंदिर चमारवाड़ा दिल्ली की सारी जमीन गुरु रविदास नामलेवा संगतों के हवाले करने और आदमपुर हवाई अड्डे का नाम श्री गुरु रविदास महाराज जी के नाम पर रखने के लिए गुरु रविदास साधु संप्रदाय सोसायटी (रजि.) पंजाब के अध्यक्ष संत निर्मल दास बाबे जौडे, संत इंदर दास शेखे महासचिव, संत प्रदीप दास कूपुर कठार, संत सरवन दास सीनियर उप-प्रधान, संत बलवंत सिंह डिगरियां उप-प्रधान, संत रमेश दास कलरां, संत धर्मपाल शेरगढ़, बहन संतोष कुमारी बिल्डिंग इंचार्ज और कई संतों महापुरुषों के अलावा सामाजिक संगठनों के नेताओं ने पंजाब सरकार और केंद्र सरकार को कहा कि संतों और सामाजिक संगठनों के नेताओं द्वारा बहुजन समाज के दो मुख्य मुद्दों पर केन्द्र सरकार से संत समाज द्वारा मांग की गई कि सतगुरु रविदास मंदिर चमरवाड़ा श्री तुगलकाबाद मंदिर, दिल्ली को केंद्र सरकार के तहत दिल्ली विकास प्राधिकरण अगस्त 2019 में तोड़ दिया गया था जिसके कारण श्री गुरु रविदास नाम लेवा संगतों और समाज के दिलों को गहरी ठेस पहुंची है।
उन्होंने कहा कि उस समय पूरे संत समाज के नेतृत्व में बहुजन समाज द्वारा दुनिया भर में बड़े पैमाने पर रोष प्रदर्शन किए गए थे। उन्होंने कहा कि जो जमीन उस समय के शासक सिकंदर लोधी ने सतगुरु रविदास महाराज जी को भेंट की थी उस पर केवल गुरु रविदास नामलेवा संगतों का अधिकार है, न कि सरकार का। नेताओं ने कहा कि मंदिर को तोड़े हुए साढ़े चार वर्ष वीत चुके हैं परन्तु अभी तक सतगुरु रविदास महाराज जी की विरासत वापिस नही की गई। उन्होंने कहा कि पूरा संत समाज मांग करता है कि दौबारा वही पूरी जमीन सतगुरु रविदास महाराज जी के मंदिर को वापस की जाए और इसे बेगमपुरा विश्व धरोहर घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि आदमपुर (जालंधर) हवाई अड्डे का नाम सतगुरु रविदास महाराज जी के नाम पर रखा जाना जाए। जिसका वादा पहले भी केंद्र सरकार के मंत्री कर चुके हैं।
इस का प्रस्ताव पंजाब विधानसभा में पहले ही पारित हो चुका है। इस अवसर पर संतों, महापुरुषों, सामाजिक नेताओं ने कहा कि जल्द ही कौम का एक विशाल सम्मेलन आयोजित कर इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर संघर्ष की घोषणा की जाएगी। इस मौके पर एडवोकेट विजय कुमार बद्धन, धर्मपाल गौतम, ललित अंबेडकरी, रमेश चौहकां, एडवोकेट मधु रत्ना, एडवोकेट दीक्षा, एडवोकेट सीमा, सतनाम कलसी, भिंदा विर्दी, वरिंदर बंगा, दया राम विर्दी, सुरिंदर पाल, अजय मेनका किश्न चंद लोई आदि समाजसेवी उपस्थित थे।