कान हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जिसकी देखभाल और रख-रखाव बहुत जरूरी है: डॉ. डमाणा
होशियारपुर 04 मार्च 2024: विश्व श्रवण शक्ति दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला अस्पताल होशियारपुर में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ. बलविंदर कुमार डमाणा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ. स्वाति शिमार एवं डॉ. मनमोहन सिंह की अध्यक्षता और ई.एन.टी विशेषज्ञ डॉ.कमलेश कुमारी के नेतृत्व में हुए इस कार्यक्रम में ई.एन.टी विशेषज्ञ डॉ. गगनदीप कौर, डिप्टी मास मीडिया ऑफिसर डॉ. तृप्ता देवी, डिप्टी मास मीडिया ऑफिसर रमनदीप कौर, जिला प्रोग्राम ऑफिसर मोहम्मद आसिफ और ज़िला बीसीसी काॅआरडीनेटर अमनदीप सिंह शामिल हुए।
इस कार्यक्रम में रयात बाहरा नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थियों की ट्यूटर मनीषा एवं रितिका राणा की देखरेख में पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई तथा बनाए गए पोस्टरों की प्रदर्शनी लगाई गई। इसके अलावा जागरूकता सामग्री से संबंधित चार प्रकार के जागरूकता पंपलेट का भी विमोचन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए सिविल सर्जन डॉ. डमाणा ने कहा कि कान की बीमारियों को लेकर शुरू किये गये इस कार्यक्रम के तहत आम जनता को संबंधित बीमारियों के प्रति जागरूक किया जायेगा। उन्होंने कहा कि कान हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जिसकी देखभाल और रख-रखाव बहुत जरूरी है। अपने कानों की देखभाल न करने के कारण कई लोग बहरेपन का शिकार हो रहे हैं। इसीलिए स्वास्थ्य विभाग ने अन्य बीमारियों के साथ-साथ कान की बीमारियों की रोकथाम के लिए विशेष प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसलिए सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए।
इस अवसर पर बहरेपन की रोकथाम एवं नियंत्रण से संबंधित कार्यक्रम के नोडल ऑफिसर डाॅ कमलेश कुमारी ने विद्यार्थियों व मरीजों को संबोधित करते हुए उन्हें अपने कानों का विशेष ख्याल रखने को कहा। उन्होंने कहा कि कान में पानी और किसी भी प्रकार का तरल पदार्थ नहीं जाने देना चाहिए। कानों को हमेशा साफ और मुलायम कपड़े से साफ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कान से बदबूदार स्राव आना या उसमें खून आना किसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है। उन्होंने कान के रोगों से बचाव की सावधानियां बताते हुए कहा कि कान में खुजली होने पर नुकीली वस्तु न मारें और गंदा पानी न गिरने दें। साथ ही कानों को तेज आवाज से भी बचाएं। इसके साथ ही बच्चे या वयस्क के कान पर भी नहीं मारना चाहिए।
डिप्टी मास मीडिया ऑफिसर डॉ. तृप्ता देवी ने कहा कि उप-केंद्र या गांव स्तर पर, जहां प्रसव के समय कानों के माहिर डाक्टर उपलब्ध नहीं है, वहां चम्मच थपथपाकर बच्चे की सुनने की क्षमता का आकलन किया जा सकता है। अगर चम्मच की आवाज से बच्चा पलक झपकाए या कोई हरकत करे तो समझ लें कि वह सुन रहा है, अगर कोई हरकत नहीं हो तो विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। अंत में पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मान चिन्ह देकर तथा सभी भाग लेने वाले विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।