गुरदेव सिंह शरीर दान करने हेतु प्रण पत्र भरकर समाज के लिये बने प्रेरणा स्रोतः संजीव अरोड़ा
होशियारपुर : नेत्रदान व शरीरदान के प्रति जागरूकता ही कोर्निया ब्लाईंडनैस को दूर करके पीडि़तों को नई रोशनी तथा मैडिकल साईंस को बढ़ावा देने का सबसे उत्तम माध्यम है। इसके द्वारा जहां कई लोगों को रोशनी मिल रही है वहीं मरणोपरांत शरीर दान से मैडिकल की पढ़ाई कर रहे बच्चों को मदद भी मिलती है। यह विचार रोटरी आई बैंक सोसायटी के अध्यक्ष एवं प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा ने गुरदेव सिंह पुत्र श्री तिखू राम निवासी गांव सिंघोवाल, हाजीपुर के शरीर दान हेतु प्रण पत्र भरने उपरांत उन्हें सम्मानित करते हुये व्यक्त किये।
इस मौंक पर संजीव अरोड़ा ने कहा कि सरदार गुरदेव सिंह ने शरीर दान करने हेतु प्रण पत्र भरकर समाज के समक्ष मिसाल पेश की है तथा इनकी यह मिसाल समाज सेवा हेतू कुछ करने की इच्छा रखने वालों के लिये सदैव प्रेरणा स्रोत का काम करेगी। श्री अरोड़ा ने बताया कि अब तक 24 शरीर विभिन्न मैडिकल कॉलेजों को अनुसंधान के लिये भेजे जा चुके हैं व अब तक 211 लोगों की रजिस्ट्रेशन भी हो चुकी है तथा 4110 कोर्निया ब्लाईंडनैस पीडि़तों को रोशनी भी दी जा चुकी है और उन्होंने कहा कि नेत्रदान व शरीरदान ही एक ऐसा दान है जो मरणोपरांत ही किया जाता है। इसके लिये हमें जीते जी प्रण पत्र भरना होता है तांकि जाने के बाद किसी तरह की अड़चन पेश न आये।
इस अवसर पर डॉ.जमील बाली व जे.बी.बहल ने कहा कि इस प्रकार की जागरूकता से ही हम नेत्रहीनता को खत्म कर सकते हैं तथा मैडिकल साईंस की पढ़ाई कर रहे बच्चों के लिये मानव शरीर से जुड़ी खोज को और विस्तार से करने के लिये सफलता मिलेगी इसलिये सोसायटी द्वारा नेत्रदान एवं शरीरदान के लिये जागरूकता फैलाई जा रही है और उन्होंने कहा कि पहले लोग अपनी खुशी के अवसर पर पौधारोपण कर मनाते थे लेकिन अब इसके साथ-साथ लोग नेत्रदान प्रण पत्र व शरीरदान प्रण पत्र भरकर मनाने लगे हैं जोकि बहुत ही सराहनीय कार्य है। जीते जी तो हम कई अलग अलग तरह के दान करते हैं लेकिन यह दान एक ऐसा दान है जो मरणोपरांत ही किया जाता है और जाने के बाद भी कईयों की जि़न्दगी में रोशनी भर कर जाता जाता है।
इस अवसर पर गुरदेव सिंह ने शरीर दान प्रण पत्र भरने उपरांत कहा कि मेरे बड़े भाई की इच्छा अनुसार भी उनका शरीर मरणोपरांत रोटरी आई बैंक के माध्यम से मैडिकल कॉलेज को भेजा जा चुका है और मैं भी चाहता हूं कि अपने मरणोपरोत कुछ ऐसा करूं कि मेरी देह भी किसी के काम आ सके। इसलिये मैने आज प्रण पत्र भरकर अपनी इच्छा पूरी की। इस अवसर पर सरपरस्त डॉ. जमील बाली, चेयरमैन जे.बी.बहल, प्रि. डी.के.शर्मा, मदन लाल महाजन, अविनाश सूद, विजय अरोड़ा, वीना चोपड़ा, कुलदीप राये गुप्ता, प्रेम तनेजा, तमन्ना, बाबू व अन्य उपस्थित थे।