अब तक 4090 कोर्निया ब्लाईंडनैस पीड़ितों को रोशनी प्रदान की जा चुकी है: संजीव अरोड़ा
होशियारपुर: रोटरी आई बैंक एवं कोर्निया ट्रांसप्लांट सोसायटी की विशेष बैठक प्रधान एवं प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में जालन्धर में हुई जिसमें भारत विकास परिषद के प्रान्तीय अध्यक्ष (पंजाब पश्चिम) राज कुमार चौधरी तथा सोसायटी के चेयरमैन जे.बी.बहल उपस्थित हुये। बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि जालन्धर में भारत विकास परिषद और रोटरी आई बैंक नेत्रदान के सम्बन्ध में मिलकर कार्य करेंगी। जिसके तहत जालन्धर की विभिन्न शमशान घाटों में लोगों को जागरूक करने हेतु फलैक्स बोर्ड भी लगाये गये।
इस अवसर पर प्रधान संजीव अरोड़ा व जे.बी.बहल ने कहा कि भारत विकास परिषद का सहयोग मिलने से सोसायटी और दृढ़ता से कार्य करेगी व संजीव अरोड़ा ने बताया कि सोसायटी की ओर से अब तक 4090 से अधिक जो लोग कोर्निया व ब्लाईंडनैस से पीड़ित थे।
उन्हें नई आंखे लगवाकर रोशनी प्रदान की जा चुकी है और अब वह इस सुन्दर संसार को देख रहे हैं। श्री अरोड़ा ने बताया कि किसी की मृत्यु उपरांत उसकी आंखे 24 घंटे तक ज़िन्दा रहती है लेकिन अगर आंखे 6-8 घंटे के अन्दर-अन्दर दान ले ली जाये तो इसके नतीजे अच्छे आते हैं और उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने नेत्रदान करवाने होते हैं वह संस्था से सम्पर्क यकीनी बनायें तांकि समय रहते आंखे दान ली जा सकें और उन्हें किसी ज़रूरतमंद को लगाया जा सके।
श्री अरोड़ा ने बताया कि सूचना मिलने के आधे घंटे के भीतर सोसायटी की टीम विशेषज्ञ डाक्टर को लेकर उनके घर पहुंच जाती है और इस प्रक्रिया को 15-20 मिन्ट के अन्दर पूरा कर लिया जाता है और यही एकमात्र ऐसा दान है जो मरणोपरांत ही करना होता है। इसलिये मानव सेवा की कड़ी में इसे अंतिम एवं पुण्य कार्य कहा जाता है जो किसी की अन्धेरी ज़िन्दगी में रोशनी भरता है। इसलिये प्रत्येक व्यक्ति को जीते जी नेत्रदान करने का प्रण पत्र भरना चाहिये।
इस अवसर पर प्रान्तीय अध्यक्ष श्री राज कुमार चौधरी ने कहा कि नेत्रदान को बढ़ावा देने के लिये जालन्धर शहर में जहां शमशान घाटों में फलैक्स बोर्ड लगाये गये हैं उसके साथ साथ शहर में भी जल्द ही लोगों की जागृति हेतु फलैक्स लगाये जायेंगे तांकि लोग नेत्रदान के प्रति जागरूक हों और श्री चौधरी ने कहा कि किसी की अन्धेरी ज़िन्दगी को रोशन करना सबसे बड़ा पुण्य का कार्य है क्योंकि नेत्रदान से बड़ा कोई दान नही होता और यह दान मरणोपरांत ही होता है। इस अवसर पर मदन लाल महाजन, जसवीर सिंह व पंडित दीपा जी भी उपस्थित थे।