खाद की जमाखोरी पर होगी सख्त कार्रवाई: डी.सी
होशियारपुर, 13 नवंबर: डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल ने जानकारी दी कि सहकारी सभाओं और डीलरों के माध्यम से किसानों को खाद उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई डीलर जमाखोरी करता पाया गया, तो उसके खिलाफ खाद नियंत्रण आदेश 1985 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की जिला स्तरीय और उपमंडल स्तर की टीमें खाद विक्रेताओं के स्टॉक की नियमित रूप से जांच कर रही हैं ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
कृषि विभाग की विभिन्न टीमों ने आज पूरे जिले में खाद विक्रेताओं का निरीक्षण किया। मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. दीपेन्द्र सिंह के नेतृत्व में टीमों ने डीलरों की जांच की। इसके अलावा, कृषि विकास अधिकारी (एनफोर्समेंट) डॉ. जतिन वशिष्ठ और कृषि अधिकारी डॉ. हरमंदिप सिंह ने जिले में डीलरों और सहकारी सभाओं का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने पीओएस रिकॉर्ड्स, स्टॉक क्रॉस-चेक और नियामक निर्देशों के पालन का मूल्यांकन किया। यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी संभावित खाद की कमी, जमाखोरी या दुरुपयोग को रोका जा सके, ताकि किसानों को आवश्यक खाद समय पर और बिना रुकावट मिल सके।
कृषि विभाग ने जोर दिया कि पारदर्शिता को बढ़ावा देने, काला बाज़ारी पर नियंत्रण रखने और खाद की गुणवत्ता तथा उपलब्धता बनाए रखने के लिए नियमित जांच होती रहेगी। निरीक्षण किए गए डीलरों और सहकारी सभाओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी नियामक आवश्यकताओं का पालन करें और रिकॉर्ड को अद्यतन रखें।
मुख्य कृषि अधिकारी ने बताया कि कृषि विभाग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि खाद की उचित आपूर्ति के माध्यम से किसानों को खेती में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।