सेफ स्कूल वाहन पालिसी के अंतर्गत 8 स्कूलों की बसों की हुई चैकिंग
होशियारपुर, 23 अप्रैलः डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल के दिशा निर्देशों पर सेफ स्कूल वाहन स्कीम के अंतर्गत स्कूली विद्यार्थियों के सुरक्षित आवागमन के लिए चैकिंग अभियान के दौरान रिजनल ट्रांसपोर्ट अधिकारी होशियारपुर इंजीनियर रविंदर सिंह गिल व सहायक ट्रांसपोर्ट अधिकारी संदीप भारती की ओर से अपनी टीम के साथ मिलकर स्कूलों के बच्चों को लाने वाली बसों की सेफ स्कूल वाहन पालिसी के अंतर्गत चैकिंग की गई।
इस चैकिंग के दौरान अलग-अलग स्थानों पर करीब 8 स्कूलों की बसों को चैक किया गया। इस दौरान सेफ स्कूल वाहन पालिसी के अंतर्गत शर्ते न पूरी करने वाले स्कूलों की बसों के मोटर व्हीकल एक्ट के अंतगर्त 23 चालन किए गए व 6 स्कूली वाहन जब्त किए गए।
इस दौरान स्कूलों के ट्रांसपोर्ट इंचार्जों व बसों के चालकों को पंजाब सरकार की ओर से आई हिदायतों से परिचित करवाया गया। बसों के चालकों को व बसों पर ड्यूटी कर रहे हैल्परों को वर्दी पहनने व ट्रैफिक नियमों का पालन करने की हिदायत की गई। इसके साथ ही यह सख्त हिदायत की गई कि किसी भी किस्म का नशा कर स्कूल बसे न चलाई जाएं। चैकिंग अभियान के दौरान स्कूल प्रिंसिपलों के यह भी ध्यान में लाया गया कि स्कूल अथारटीज व प्रिंसिपल ही सेफ स्कूल वाहन स्कीम के अंतर्गत बच्चों के सुरक्षित आवागमन के लिए जिम्मेदार हैं। वे चाहे अभिभावकों की ओर से किराए पर ली गई गाड़ी हो या स्कूल की ओर से प्राईवेट ट्रांसपोर्टर से किराए, एग्रीमेंट पर ली गई है या स्कूल की अपनी बस हो।
इसी तरह होशियारपुर जिले के समूह प्रिंसिपल व प्रबंधक कमेटियों को यह हिदायत की गई कि स्कूली बच्चों के आवागमन साधनों की लगातार चैकिंग की जाए और यदि कोई स्कूल बस सेफ स्कूल वाहन स्कीम का उल्लंघन करती पाई जाती है तो उसमें बच्चे न भेजे जाएं और यदि कोई स्कूल बस सेफ स्कूल वाहन स्कीम का उल्लंघन करती पाई जाती है, तो उसमें बच्चे न भेजे जाए। स्कूल बस का परमिट, बीमा, प्रदूषण सर्टिफिकेट व फिटनेस सर्टिफिकेट जरुर चैक किए जाए व किसी भी दस्तावेज की अवधि निकलने की हालत में उस बस में बच्चे न भेजे जाएं। स्कूल बस के ड्राइवर व सहायक की प्रमाणिक आचरण पुलिस रिपोर्ट ली जाए व यदि हो सके तो स्कूल में एलकोमीटर रखे जाए व समय-समय पर ड्राइवरों का टैस्ट किया जाए। हर वर्ष ड्राइवरों का डोप टैस्ट करवाना एक सुरक्षित कदम होगा।
इस अभियान के दौरान स्कूली बच्चों के माता-पिता को भी अपील की गई कि वे खुद भी अपने बच्चों के आवागमन के लिए किए जाते साधनों, बसों की खुद भी समय-समय पर जांच करने व यदि कोई कमी पेशी नजर आती है, तो तुरंत जिला प्रशासन के ध्यान में लाएं, ताकि बच्चों का सुरक्षित आवागमन यकीनी बनाया जा सके। सेफ स्कूल वाहन स्कीम के अंतर्गत स्कूल बसों में स्पीड गर्वनर चालू हालत में होने चाहिए, कई स्कूल बसों के चालान स्पीड गर्वनर लगा होने के बावजूद उसके साथ छेड़छाड़ कर स्पीड बढ़ाई होने कारण हादसे हो सकते हैं।
डिप्टी कमिश्नर की ओर से स्कूली बच्चों, विद्यार्थियों के सुरक्षित आवागमन संबंधी जिला शिक्षा अधिकारी (सेकेंडरी व एलीमेंट्री) को जिले के सभी एस.डी.एम्ज को उनके उप मंडल में आते जिले के सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों से अंडरटेकिंग सर्टिफिकेट 25 अप्रैल 2024 से पहले कार्यालय डिप्टी कमिश्नर होशियारपुर में जमा करवाने के लिए कहा गया है, जिस अंडरटेकिंग सर्टिफिकेट में स्कूल प्रिंसिपल यह सर्टिफिकेट देंगे कि उनके स्कूल के विद्यार्थियों के आने-जाने के लिए प्रयोग की जाने वाली स्कूल बसों व वाहन, सेफ स्कूल वाहन स्कीम का पूरी तरह से पालन करते हैं।