छोटे बछड़ों को सड़कों पर छोड़ने से परहेज करें गऊधन पालक: अशवनी गैंद
होशियारपुर 22 अप्रैल: गऊधन पर अत्याचार करने वालों को भुतना पड़ेगा खामियाजा, उक्त बात नई सोच संस्था के संस्थापक अध्यक्ष अशवनी गैंद द्वारा कही गई जब उन्हे चांद कौशल जो कि काफी समय से गऊधन की सांभ-सम्भाल के लिए पूरे शहर में कार्य कर रहे हैं ने बताया कि पुरहीरां में एक छोटे बछड़े को कुछ कुत्तों द्वारा नोच कर जख्मी कर दिया गया को नई सोच गऊशाला में लाकर ईलाज किया गया।
इससे पहले भी शहर में ऐसी कई घटनायें हो रही हैं। अशवनी गैंद ने कहा कि गऊमाता में 33 कोटि देवी देवताओं का वास होता है और गऊमाता के दूध का सेवन इन्सान जन्म से ही शुरु कर देता है लेकिन कुछ स्वार्थी लोग जो कि गऊमाता की कोख से अगर बछड़े का जन्म होता है तो उसे कुछ दिनों बाद ही सड़कों पर रात बरात छोड़ कर चले जाते हैं जो छोटे होने के कारण कुत्तों का शिकार बनते हैं।
श्री गैंद ने ऐसे लोगों से अपील की कि अगर लोगों को गऊमाता के दूध तक ही मतलब है तो ठीक है मगर उन्हे सड़कों पर छोड़ना नहीं चाहिए बाकि उन गऊधन को किसी उचित गऊशाला में पहुंचायें ताकि गऊधन का निरादर न हो सके। अगर कोई भी छोटे बछड़े छोड़ना चाहता है तो नई सोच संस्था एवं एनीमल वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों से सम्पर्क करें। हमारी संस्था द्वारा उन्हे उचित स्थान मुहैया करवाने का प्रयास किया जायेगा।