हिन्दुस्तान में औरतों को कैल्शियम की कमी क्यों रहती है: डॉ अर्चिता महाजन
बटाला 5 फरवरी : डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रिशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार ने बताया कि हिंदुस्तान में बात जब लड़कियों के खाने की आती है तो उसमें काफ़ी लाहपरवाही होती है वो सब की डाइट की चिंता करेगी परंतु अपनी भूल जाएगी।कई लड़कियों को बचपन में दूध नहीं पिलाया जाता ।
लड़कों और लड़कियों में भेदभाव किया जाता है। शायद इसलिए भी कहीं मोटी ना हो जाए बाद में शादी करने में मुश्किल हो।16 से 30 साल की लड़कियां जो डाइटिंग करती हैं या ज़्यादा वेट लूज़ करती हैं, उनमें कैल्शियम की कमी होने की संभावना रहती है। हाईपोकैल्शिमिया ज़्यादातर उन औरतों में होता है जिन्हें मेनोपॉज़ होने वाला होता है. जिन औरतों की उम्र 40 से ऊपर होती है उन्हें या तो मेनोपॉज़ हो चुका होता है या होने वाला होता है।
बचपन में भेदभाव, डाइटिंग, मेनोपॉज़, लुयकोरिया और सन सिटिंग की कमी मुख्य वजह है।
उनका शरीर कम कैल्शियम बनाता है। मनोपॉज़ के दौरान एस्ट्रोजेन नाम का हॉर्मोन शरीर में कम हो जाता है। इससे हड्डियां पतली होने लगती हैं। लड़कियों को वजाइनल डिस्चार्ज होता है ये नॉर्मल है पर इसमें कैल्शियम भी निकलता है। इस डिस्चार्ज में कैल्शियम के साथ सोडियम, पोटेशियम, और मैग्नीशियम भी होता है। जो औरतें केवल शाकाहारी खाना खाती हैं उनको कैल्शियम वैसे भी कम ही मिलता है।रागी में भरपूर कैल्शियम होता है।
आप अपने खाने में वो शामिल कर सकती हैं 100 ग्राम रागी में 370 ग्राम कैल्शियम होता है।आप सोया भी खा सकती हैं 100 ग्राम सोयाबीन्स में 175 ग्राम कैल्शियम होता है।पालक तो है ही नहीं पसंद तो भी खाइए। क्योंकि इसमें 90 मिलीग्राम कैल्शियम होता है. आप अपना खाना नारियल के तेल में भी बना सकती हैं। ये आपके शरीर को कैल्शियम और मैग्नीशियम रीटेन करने मदद करता है। एसी दफ्तर में नौकरी करने वाली महिलाएं थोड़ी देर धूप में भी बैठा करें।