फसलों को प्रोसेस कर मार्किट में बेचने पर किसान कमा सकते हैं अधिक लाभ: मुख्य कृषि अधिकारी
फसली विभिन्नता स्कीम के अंतर्गत मुख्य कृषि अधिकारी डा. गुरदेव सिंह के नेतृत्व में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट एंड फूड प्रोसेसिंग विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कोर्स लगाया गया। इस प्रशिक्षण कोर्स में जिले के अलग-अलग ब्लाकों से आए 20 कृषि अधिकारियों, कृषि विकास अधिकारियों व कृषि विस्तार अधिकारियों ने भाग लिया। पहले दिन की ट्रेनिंग कृषि भवन होशियारपुर में लगाई गई, जिसमें मुख्य कृषि अधिकारी होशियारपुर डा. गुरदेव सिंह ने आए हुए अधिकारियों को संबोधित करते हुए आज के समय में फूड प्रोसेसिंग की महत्ता बताते हुए कहा कि किसान की ओर से पैदा की जाने वाली फसलों को यदि किसान प्रोसेस कर मार्किट में सेल करता है तो उसको काफी लाभ होता है। इसके साथ ही आज के समय पतन की ओर जा रही किसानी को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसान प्रशिक्षण कैंप में इसका अधिक से अधिक प्रचार किया जाए। इस मौके पर कृषि विज्ञान केंद्र बाहोवाल से ट्रेनिंग देने आए सहायक प्रोफेसर इंजीनियर अजैब सिंह की ओर से ट्रेनिंग में भाग लेने वाले अधिकारियों को गन्ने की प्रोसेसिंग व मानक गुढ़ शक्कर बनाने के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर सहायक प्रोफेसर कृषि विज्ञान केंद्र लंगड़ोआ डा. शिखा की ओर से अलग-अलग फसलों की प्रोसेसिंग के बारे में विस्तार से ट्रेनिंग दी गई।
डायरेक्टर कृषि विज्ञान केंद्र बाहोवाल डा. मनिंदर सिंह बौंस की ओर से जिले में अलग-अलग सैल्फ हैल्प ग्रुपों की ओर जारी रही फूड प्रोसेसिंग व उसकी मार्किटिंग के बारे में जानकारी दी गई। अंत में कृषि अधिकारी हरमनदीप सिंह ने आए हुए मेहमानों का धन्यवाद किया। ट्रेनिंग के दूसरे दिन कैफ्रो, रामगढ़ सीकरी में चलाए जा रहे सैल्फ हैल्प ग्रुप की ओर फूड प्रोसेसिंग यूनिट का दौरा किया गया। इस मौके पर रीनू शर्मा व रीना शर्मा की ओर से ग्रुप की ओर से किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ यूनिट का दौरा भी करवाया गया। इस मौके पर कृषि विकास अधिकारी(बीज) हरप्रीत सिंह व अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।